ईडी का दावा-घोटाले के आरोपी ने दिया केजरीवाल के 7 स्टार होटल में रुकने का पैसा

नई दिल्ली (हमारा वतन) अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय के एक बयान से आम आदमी पार्टी (आप) के सबसे बड़े नेता को राहत मिलती हुई नजर आई। सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री हैं, वह आदतन अपराधी नहीं हैं। लेकिन कोर्ट ने अंतरिम जमानत वाली याचिका पर कोई फैसला नहीं सुनाया। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने एक बड़ा दावा किया। सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि गोवा चुनाव के दौरान केजरीवाल 7 स्टार होटल में रुके थे, जिसका पेमेंट शराब घोटाले के एक आरोपी ने किया था। उन्होंने इसे लेकर ‘सबूत’ का भी जिक्र किया। एसवी राजू ने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर हो रही राजनीति से ईडी को कोई सरोकार नहीं है।

घोटाले वाले पैसे से 7 स्टार होटल में रुके :-

ईडी के दावे को समझने से पहले हमें चनप्रीत सिंह के बारे में जानना होगा। दरअसल, ईडी ने चनप्रीत पर गोवा चुनाव में ‘आप’ का फंड मैनेज करने का आरोप लगाया है। ईडी का आरोप है कि दिल्ली शराब घोटाले के पैसे का इस्तेमाल ‘आप’ ने गोवा चुनाव में किया था। ‘लाइव लॉ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ‘हमारे पास इसका सबूत है कि केजरीवाल के गोवा में रहने के खर्च का पेमेंट चनप्रीत सिंह ने किया था। केजरीवाल गोवा के ग्रैंड हयात 7 स्टार होटल में रुके थे। उस समय होटल के कुल बिल में से कुछ हिस्से का भुगतान दिल्ली सरकार ने किया था। लेकिन बिल के कुछ हिस्से का पेमेंट चनप्रीत सिंह ने भी किया था। उसने कैश में भुगतान किया था। इसे लेकर हमें दस्तावेज के रूप में सबूत भी मिले हैं।’

हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं :-

सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा कि यह मामला (केजरीवाल की गिरफ्तारी) राजनीति से प्रेरित नहीं है। ईडी का राजनीति से कोई भी लेना-देना नहीं है। हमारे पास इसको लेकर सबूत हैं।’ गौरतलब है कि अप्रैल में ईडी ने चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। ईडी ने चार्जशीट दाखिल कर यह आरोप लगाया था कि शराब घोटाले का पैसा गोवा विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने इस्तेमाल किया। चनप्रीत पर फंड मैनेज करने का आरोप लगाया गया था।

जेल से सरकार चलाने वाली याचिका खारिज :-

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सीएम केजरीवाल के लिए जेल से सरकार चलाने के लिए इंतजाम करने की मांग की गई थी। साथ ही याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि वैसे तो जेल से सरकार चलाना ‘व्यावहारिक रूप से असंभव’ है लेकिन टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा संभव किया जा सकता है। याचिका में उसने जेल में केजरीवाल के लिए वीडियो कांफ्रेंस का इंतजाम करने का अनुरोध किया। अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि यह याचिका गलत धारणा पर आधारित है और किसी परोक्ष मंशा से दायर की गई है। कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी

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