बेघर लागों के भी बनेंगे राशन कार्ड

नई दिल्ली (हमारा वतन) केंद्र सरकार उन लोगों के भी राशन कार्ड बनाने में मदद करेगी, जो अपना घर बार छोड़कर परदेश में रोजी रोटी की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उनके पास रियायती दुकान से राशन उठाने की सुविधा नहीं है। सरकार ने ऐसे डेढ़ करोड़ उपभोक्ताओं को राशन कार्ड बनाने की योजना शुरु की है। इसके लिए कामन रजिस्ट्रेशन फेसिलिटी (सीआरएफ) प्लेटफार्म मुहैया कराया गया है। इस बाबत आज से 11 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट शुरु कर दिया गया है, जिसका देशव्यापी विस्तार इसी महीने के आखिरी सप्ताह में किया जाएगा।

केंद्रीय खाद्य व सार्वजनिक वितरण प्रणाली सचिव सुधांशु पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले सात वर्षों में कुल पौने पांच करोड़ राशन कार्ड फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए। पांडेय ने बताया कि इनमें से सवा तीन करोड़ नए उपभोक्ताओं के लिए देश के जिन राज्यों में पायलट परियोजना शुरु की गई है, उनमें उत्तराखंड, पंजाब, महाराष्ट्र, असम, गोवा, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, नगालैंड और लक्षदीव प्रमुख हैं। ‘मेरा राशन-मेरा अधिकार’ टैग लाइन से शुरु होने वाली इस परियोजना में कुल 1.58 करोड़ उपभोक्ताओं को सीधे फायदा पहुंचाया जाएगा।

साधन विहीन, घुमंतू, बेघर, बिना किसी पते के रहने वाले लोगों के आवेदनों को ऐप से माध्यम से स्वीकार किया जाएगा। उनकी मदद के लिए राशन कार्ड मित्रों की मदद ली जाएगी। एक सवाल के जवाब में पांडेय ने बताया राशन कार्ड मित्र का दायित्व कोई भी डिजिटल की समझ रखने वाला व्यक्ति निभा सकता है, जिसे सामाजिक दायित्व के तौर पर निभा सकता है। ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ परियोजना की सफलता के बाद मेरा राशन-मेरा अधिकार को लांच किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत देश की 67 फीसद आबादी को रियायती दर पर खाद्यान्न मुहैया कराया जाता है।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

विडियो देखने के लिए –  https://www.youtube.com/channel/UCyLYDgEx77MdDrdM8-vq76A

अपने आसपास की खबरों, लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9214996258, 7014468512,9929701157.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *