महार कलां गांव में स्थित है मालेश्वर महादेव का चमत्कारी धाम, जहां सूर्य की गति के हिसाब से दिशा बदलता है शिवलिंग

जयपुर (हमारा वतन) सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने के सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवालय पहुंचते हैं। ऐसे तो देश में कई शिव मंदिर हैं लेकिन हम आपको आज एक अनोखे और ऐतिहासिक शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर छह महीने में सूर्य के हिसाब से अपनी दिशा बदलता है।

कहाँ स्थित मालेश्वर महादेव मंदिर — राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच सामोद स्थित महार कलां गांव में मालेश्वर महादेव मंदिर है। प्रकृति की गोद में बसा यह मनोरम स्थान जयपुर से लगभग चालीस किलोमीटर दूर है।

हर छह महीने में सूर्य के हिसाब से बदलता है दिशा  यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग सूर्य के उत्तरायण या दक्षिणायन होने के अनुरूप शिवलिंग उत्तरायण और दक्षिणायन की तरफ झुक जाता है। मंदिर के मंडप के स्तंभों पर अंकित 1101 ईसवीं के शिलालेख हैं। इस मंदिर में स्वयंभूलिंग विराजमान है।

प्राकृतिक सुंदरता बनाती है मंदिर को मनमोहक — मंदिर के चारों तरफ प्रकृति मेहरबान है। बारिश में बहते प्राकृतिक झरने, पानी के कुंड, आसपास प्राचीन खंडहर इस स्थान को और भी दर्शनीय बनाते हैं। ऐसे तो यहां हर दिन श्रद्दालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन सावन मास में बड़ी संख्या में कांवड़िये शिव का अभिषेक करने पहुंचते हैं।

मंदिर का ऐसे पड़ा मालेश्वर महादेव नाम — कहा जाता है कि वर्तमान में महारकलां गांव पौराणिक काल में महाबली राजा सहस्रबाहु की माहिष्मति नगरी का हिस्सा हुआ करता था। यही वजह है कि इस मंदिर का नाम मालेश्वर महादेव मंदिर पड़ा।

मुगलों ने तोड़ दिया था मंदिर को — मंदिर के महंत के अनुसार मुगलों ने इस मंदिर को तोड़ दिया था। उस जमाने में तोड़ी गई शेष-शैया पर लक्ष्मी जी के साथ विराजमान भगवान विष्णु की खण्डित मूर्ति आज भी यहां मौजूद है। मुगलों के मंदिर तोड़ने के बाद कई साल बाद मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। इस पर गुंबद और शिखर का निर्माण करवाया गया।

कई फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग — सामोद और महारकलां गांव की प्राकृतिक सुंदरता के चलते यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है। इस गांव में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। जिनमें दाता, बीस साल बाद, बंटवारा, करण अर्जुन, कोयला,लोहा, युगांधर, सोल्जर, इतिहास, मेहंदी, मैदाने ए जंग जैसी फिल्में शामिल हैं। मंदिार के आसपास झरने होने के कारण लोग पिकनिक मनाने भी पहुंचते हैं।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

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