बच्चों को खांसी जुकाम होने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

नई दिल्ली (हमारा वतन) बच्चे सर्दी के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं और इम्यूनिटी कमजोर होने की वह से वो जल्द ही इसकी चपेट में आ भी जाते हैं। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हैल्‍थ के अनुसार बच्‍चों को साल में 6 से 10 बार जुकाम पकड़ता है। सर्दी-जुकाम की वजह से बच्चे बहती और बंद नाक की समस्या से जूझते हैं। उन्हें खांसी, गले में खराश और बीच-बीच में छींक आ सकती है।

सर्दी होने पर कुछ बच्चे भोजन करना पसंद नहीं करते हैं, उन्हें सिर दर्द या सामान्य से अधिक थकावट महसूस हो सकती है। इतना ही नहीं कई बार जुकाम बच्चों में बुखार तक का कारण भी बन सकता है। ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय आजमाकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं। बच्चों को सर्दी-जुकाम होने पर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे-

अदरक – दो साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को सर्दी-जुकाम होने पर अदरक की चाय पिलाएं। इसके लिए आधा इंच अदरक लेकर एक कप पानी में 5 मिनट तक उबालें। इसके बाद पानी को छानकर उसमें आधा चम्‍मच नींबू का रस और एक चम्‍मच शहद मिलाएं। इसे गुनगुना करके बच्‍चे को पिलाएं।

सरसों का तेल – एक साल के बच्‍चे को अगर जुकाम हो जाए तो सरसों के तेल का ये असरकारी नुस्‍खा अपनाएं। इसके लिए एक चम्‍मच सरसों के तेल में 1 लहसुन की कली, लौंग और एक चुटकी अजवाइन पाउडर मिलाकर एक मिनट तक गर्म करें। इस बात का ध्यान रखें कि तेल गर्म करते समय लहसुन जलाना नहीं है। इस तेल को छन्‍नी से छानकर गुनगुना होने पर बच्‍चे की छाती और पीठ की मालिश करें।

अजवाइन का पानी – सर्दी-ज़ुकाम से राहत के लिए छोटे बच्चे को दो-चार चम्मच अजवाइन का पानी पिला सकते हैं। इसके लिए आप एक बड़े चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह से पका लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसको थोड़ी-थोड़ी देर में दिन में तीन-चार बार बच्चे को पिलाते रहें। बच्चा अगर बड़ा है तो छोटा आधा कप अजवाइन का पानी पिला सकते हैं।

हल्दी वाला दूध – सर्दी-ज़ुकाम ठीक करने के लिए बच्चे को दूध में हल्दी मिलाकर पिला सकते हैं। इसके लिए आप दूध में हल्दी डालकर उबाल लें। जब दूध गुनगुना हो जाए तो उसे बच्चे को पिलाएं। आप चाहे तो कच्ची हल्दी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

ध्यान रखें ये बातें-

  • सर्दी-जुकाम होने पर बच्चे को गुनगुना पानी पिलाएं और हल्का लेकिन पोषण से भरपूर भोजन कराएं।

  • बच्चों को ठंड लगने का सबसे ज्यादा खतरा कान और पैरों से ही होता है। इसलिए बच्चे को नंगे पांव न खेलने दें और न ही उसके कान देर तक खुले रहने दें।

  • नींद के दौरान न सिर्फ बच्चे के अंगों का विकास तेज होता है, बल्कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। इसलिए छोटे बच्चों को सर्दियों में 9-10 घंटे की नींद जरूर लेने दें।

  • बच्चों को सर्दियों में ठंड से बचाने के लिए ऐसी गर्म चीजें खिलाएं, जिससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत बने।]

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

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