विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का इस दिन होगा लोकार्पण

राजसमंद (हमारा वतन) राजस्थान का कण-कण अपने शौर्य, बलिदान और भक्ति के साथ ही आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के कारण देश-विदेश के लोगों को आकर्षित करता है। कुछ ऐसा ही एक और नया अध्याय विश्व पटल पर अपना इतिहास लिखने जा रहा है। राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी की पावन धरा पर 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है।

369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा का निर्माण 250 साल की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी।

इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिये बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है। यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी, जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे। साथ ही फुटकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क और जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है। जहां पर्यटक दिन भर यहां इसका लुफ़्त उठा सकेंगे। शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा। पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है।

विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के सुरक्षा मानकों का पूर्ण ध्यान रखा गया है। फायर सेफ़्टी की पूर्ण व्यवस्था की गई है। प्रतिमा के अंदर पानी के टैंक बनाये गए हैं। साथ ही अग्नि शमन के साधनों की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। पर्यटकों के लिए गोल्फ कार्ट की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों से परिसर सुरक्षित रहेगा। देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए उदयपुर से महाराणा प्रताप अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 40 किमी ओर उदयपुर शहर से 45 किमी दूर श्रीनाथ जी की नगरी नाथद्वारा में यह प्रतिमा स्थापित है। राजसमन्द जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर यह प्रतिमा स्थित है।

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