करवा चौथ पर क्यों करते हैं चंद्रमा की पूजा, जानें

नई दिल्ली (हमारा वतन) हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। मान्यका है कि जो सुहागिनें करवा चौथ व्रत रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कब रखा जाएगा करवा चौथ – करवा चौथ व्रत इस साल 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर की रात 1 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी, जो कि अगले दिन 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

करवा चौथ 2022 शुभ मुहूर्त – करवा चौथ को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। शाम को 04 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 50 मिनट से 50 मिनट तक अमृत काल मुहूर्त रहेगा। करवा चौथ पूजन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 50 मिनट तक माना जा रहा है।

क्यों की जाती है चंद्रमा की पूजा – रामायण के अनुसार, एक बार श्रीराम ने पूर्व दिशा की ओर चमकते हुए चंद्रमा को देखा तो पूछा कि चंद्रमा में जो कालापन है, वह क्या है। सभी लोगों ने अपने-अपने तर्क दिए। तभ श्रीराम ने कहा कि चंद्रमा में कालापन उसके विष के कारण है। अपनी विषयुक्त किरणों से वह वियोगी नर-नारियों को जलाता रहता है। मनोवैज्ञानिक तर्क के अनुसार, जो पति-पत्नी किसी कारणवश एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं उनपर चंद्रमा की विषयुक्त किरणें कष्ट पहुंचाती हैं। इसलिए करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा कर महिलाएं कामना करती हैं कि चंद्रमा के कारण उन्हें अपने पति का वियोग न सहना पड़े।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

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