डीग (हमारा वतन) राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा सतत चलने वाली प्रक्रिया है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में कौशल से जोड़ने वाली शिक्षा प्रदान करने पर जोर देते हुए नए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञान प्राप्ति और सक्षम मानव शक्ति का सृजन ही नहीं करती बल्कि शिक्षा राष्ट्र का निर्माण भी करती है। उन्होंने ‘विकसित भारत’ के लिए युवाओं को सहभागिता निभाने का आह्वान किया।
राज्यपाल कलराज मिश्र शुक्रवार को डीग जिले के कुम्हेर में स्थित महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। मिश्र ने बालिका शिक्षा को भी बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जहां बालिकाएं शिक्षा प्राप्त करती है, वह समाज तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ता है। उन्होने विश्वविद्यालय में बालिका शिक्षा के अवसर प्रदान करने और बेटियों को स्वर्ण पदक में अव्वल रहने पर बधाई भी दी।
राज्यपाल ने नैनो मेडिकल के लिए विश्वविद्यालय के किए कार्यो को भी सराहा। उन्होंने कहा कि नए-नए अनुशासनों में ऐसे पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय तैयार करे जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में हमें सक्षम करें। उन्होनें युगानुरूप उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान किए जाने की भी आवश्यकता जताई।
मिश्र द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर वेंकटरमन रामाकृष्णन, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर कार्ल बैरी शार्पलेस, प्रोफेसर गोवर्धन मेहता एवं प्रोफेसर सतीश त्रिपाठी को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की गई।
मिश्र ने समारोह में वर्ष 2022 व 2023 के लगभग 95 हजार स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इनमे से 95 विद्यार्थियों को अच्छे अंक प्राप्त करने पर स्वर्ण एवं रजत पदक देकर सम्मानित किया गया। वही विश्वविधालय के 31 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने राज्य में आयोजित हो रहे रोजगार उत्सव की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने के साथ कौशल विकास से भी निरंतर सम्पन्न कर रही है। उन्होंने उच्च शिक्षा में हो रहे नवाचारों के बारे में भी जानकारी दी। राज्यपाल ने इससे पहले संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रमेश चंद्रा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।