गुरु पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली (हमारा वतन) आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, बुधवार को है। आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

मुहूर्त- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – जुलाई 02, 2023 को 08:21 PM बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – जुलाई 03, 2023 को 05:08 PM बजे

गुरु पूर्णिमा का महत्व – गुरु का भारतीय सभ्यता में विशेष महत्व है। गुरु व्यक्ति को सही दिशा में ले जाने का कार्य करते हैं। गुरु की कृपा से ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। गुरुओं के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा पूजा-विधि :- 

  • इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। जो लोग पवित्र नदियों में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वे नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

  • नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

  • पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।

  • इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।

  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

  • इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।

  • गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा- अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

  • इस दिन अपने- अपने गुरुओं का ध्यान करें।

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है।

  • पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

  • चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।

  • चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।

  • इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

  • अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

विडियो देखने के लिए – https://www.youtube.com/channel/UCyLYDgEx77MdDrdM8-vq76A

अपने आसपास की खबरों, लेखों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9214996258, 7014468512,9929701157.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *