बिपरजॉय से राजस्थान के 5 जिलों में बाढ़, सीएम बोले – सर्वे करवाकर दिया जाएगा मुआवजा

जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान में पहली बार मानसून से पहले बाढ़ जैसे हालात हैं। चार दिन में चक्रवात बिपरजॉय से कई इलाकों में इतना पानी बरसा कि मानसून सीजन का कोटा पूरा हो गया। बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, अजमेर के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। बीते 24 घंटे में पाली के मुठाना में 530 मिमी यानी 21.3 इंच बारिश हो चुकी है।

पाली में भी 12 इंच बारिश हुई। बूंदी, अजमेर, भीलवाड़ा के सैकड़ों गांवों में बिजली गुल है। अब तक राज्य में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। अजमेर में बारिश का 100 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग ने कोटा, बारां-सवाई माधेपुर में मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, मंगलवार दोपहर बाद जयपुर में भी तेज बारिश का दौर शुरू हुआ।

सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को बिपरजॉय चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने चौहटन और सांचौर पहुंचे। सांचौर में गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया, जिसके बाद डाक बंगले में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा तूफान और बाढ़ को देखते हुए हमने 25 टीमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की लगा रखी है। टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बेहतर काम किया।

सर्वे करवाकर दिया जाएगा मुआवजा  – सीएम ने कहा कि बाढ़ की वजह से कच्चे मकान बहुत ज्यादा टूटे हैं। कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाएगा। गहलोत ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नियम बने हुए हैं। उसके कारण समय पर मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि नियमों को बदला जाए, ताकि सभी को तुरंत मुआवजा मिल सके। गहलोत ने कहा कि सर्वे करवाकर सभी को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। सीएम ने कहा- महंगाई राहत कैंप का पूरा फायदा उठाने की अपील की।

सीएम बोले- तूफान से किसी की मौत नहीं हुई – सीएम ने कहा कि जालोर जिले के राजथल बीसलपुर गांव में सोमवार रात 62 लोगों को रेस्क्यू किया गया। बिपरजॉय चक्रवात से किसी की मौत नहीं हुई है। बरसात के बाद नदी-नालों में उफान आ जाता है। लोग तालाबों और नाड़ियों में तैरने जाते हैं… लापरवाही करते हैं, तब दिक्कत आती है। राजसमंद में 5 लोग मर गए और बाड़मेर जिले में भी डूबने से 5 लोग मरे। लोगों से अपील है कि अभी जो बरसात हुई है वह 6 महीने की एक साथ हो गई है। किसानों को भी आराम हो गया है। नदी-तालाबों में तैरने से दूरी बनाए रखें।

अजमेर में 105 साल का तो, जोधपुर में 12 साल का रिकॉर्ड टूटा – चक्रवात से अजमेर में बारिश का 105 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। यहां 17 जून 1917 में 119.4 मिमी बरसात एक ही दिन में हुई थी, जो अब तक जून में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड था। यह 19 जून को टूट गया। अजमेर में 18 जून की सुबह 8:30 से 19 जून 8:30 तक 24 घंटे के दौरान 131.8 मिमी बरसात दर्ज हुई। अजमेर में बारिश का दौर यहीं नहीं थमा। 19 जून की सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 6 बजे 100 मिमी बरसात दर्ज हुई। इसी तरह, जोधपुर में भी 12 साल का रिकॉर्ड टूटा है। यहां 17 जून को 91.3 मिमी पानी गिरा, जबकि इससे पहले 28 जून 2016 में करीब 74 मिमी बरसात हुई थी।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी

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