ई मित्र पर ओवरचार्ज के मामले में DOIT का नया फरमान:कियोस्क संचालकों पर नहीं होगी सीधे कार्यवाही

जयपुर ( हमारा वतन ) प्रदेश में ई-मित्र संचालकों और उन पर कार्यवाही करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए नया फरमान जारी हुआ है। निर्धारित फीस से ज्यादा पैसे यानी ओवरचार्ज करने के मामले में मिली शिकायत पर अब कर्मचारी-अधिकारी सीधे कार्यवाही नहीं कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कम से कम 5 लोगों की गवाही या फीडबैक लेना पड़ेगा। वहीं ई-मित्र संचालकों अगर दोषी मिलता है तो उसे कम से कम 5 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा, जो अभी तक केवल कम से कम 1 हजार रुपए था। डिपार्टमेंट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नॉलोजी एण्ड कम्यूनिकेशन (DOIT) कमिश्नर अशीष गुप्ता ने सभी कलेक्टर्स को इस संबंध में आदेश जारी किए। इन आदेशों के तहत ई-मित्र संचालकों पर कार्यवाही की प्रक्रिया को थोड़ा और मजबूत किया तो वहीं न्यूनतम जुर्माना की राशि को भी 5 गुना तक बढ़ा दिया है।

दरअसल प्रदेशभर में संचालित हजारों ई-मित्र कियोस्क पर कई ऐसे है जो निर्धारित फीस से ज्यादा पैसे लोगों से वसूलते है। इसको लेकर कई शिकायतें DOIT में आती है। इसके लिए जिला कलेक्टर लेवल पर कर्मचारियों-अधिकारियों की एक टीम भी है, जो शिकायत के बाद सीधे तौर पर कार्यवाही करती हैै और ईमित्र संचालकों पर जुर्माना लगाने के अलावा सस्पेंड करने की कार्यवाही करती है। लेकिन पिछले कुछ समय से इन अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से इन शिकायतों के खिलाफ की गई जांच और कार्यवाही साक्ष्यो या सबूतों की कमी के चलते लिटिगेशन या विवादों में चले जाते है। ऐसे में इन जांचों और कार्यवाही को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए DOIT ने ये फैसला किया है।

शिकायत पर कार्यवाही से पहले ये तीन काम जरूरी –

– शिकायत करने वाले से लिखित में शिकायत की पुष्टि करवाना जरूरी।

– जिस ई-मित्र कियोस्क के खिलाफ शिकायत की है वहां से अन्य 5-10 लोग जो सर्विस लेते है उनसे मौखिक या टेलीफोन पर बात करके ई-मित्र संचालक की ओर से दी जा रही सर्विस के संबंध में अनुभव और फीडबैक लेना होगा। इसके अलावा कम से कम 2 लोगों या आवेदनकर्ताओं से ई-मित्र संचालक की ओर से ली जा रही ओवरचार्जिंग वसूली का सत्यापन करना जरूरी।

-इसके अलावा अगर कर्मचारी-अधिकारी किसी ई-मित्र पर औचक निरीक्षण करते है तो वहां मौजूद ग्राहकों से शिकायत से संबंधित सत्यापन करवाना जरूरी होगा।

कम से कम 5 हजार रुपए का लगेगा जुर्माना –

अभी तक ई-मित्र संचालक जो ओवर चार्जिंग के मामले में पहली बार दोषी मिलता था उस पर 1 से लेकर 5 हजार रुपए तक के जुर्माना अथवा 7 से लेकर 15 दिन तक ई-मित्र कियोस्क को सस्पेंड करने अथवा दोनों जुर्माना लगाने का प्रावधान था। इसके अलावा दूसरी बार शिकायत में दोषी पाए जाने पर 10 से लेकर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना या 15-30 दिन तक का सस्पेंशन था। इसी तरह तीसरी बार दोषी पाए जाने पर हमेशा के लिए कियोस्क को स्थायी रूप से बंद करने का प्रावधान था। अब इसमें बदलाव किया है।

अब पहली बार दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 5 हजार रुपए जुर्माना या अथवा 7 से लेकर 15 दिन तक ई-मित्र कियोस्क को सस्पेंड करने का प्रावधान किया है। इसी तरह दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना या 15-30 दिन तक का सस्पेंशन और तीसरी बार दोषी पाए जाने पर हमेशा के लिए ई-मित्र कियोस्क को सस्पेंड करने के अलावा ई-मित्र वॉलेट या सिक्योरिटी में जमा राशि में से पेनाल्टी काटी जाएगी, जो अधिकतम 50 हजार रुपए तक काटी जाएगी।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

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