अशोक गहलोत ने रोडा एक्ट के तहत किसानों की जमीन नीलामी पर लगाई रोक

जयपुर (हमारा वतन) राजस्थान के दौसा के रामगढ़ पचवारा में बैंक कर्ज नहीं चुकाने के कारण किसान की जमीन नीलाम करने के बाद हुए सियासी विवाद के बाद गहलोत सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर में किसानों की जमीनों की नीलामी पर रोक लगा दी है। कॉमर्शियल सहित सभी तरह के बैंकों के रिमूवल ऑफ डिफिक्लटीज एक्ट (रोडा) के तहत कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की जमीन कुर्क और नीलाम करने पर तत्काल रोक लगा दी गई है।

दौसा के किसान की जमीन नीलाम करने के बाद देश भर में यह मामला चर्चा का मुद्दा बन गया था। किसान नेता राकेश टिकैत दौसा पहुंच गए थे। बीजेपी भी सरकार को किसान कर्जमाफी को लेकर घेर रही है। विवाद के बाद राज्य सरकार ने रामगढ़ पंचावारा के किसान की जमीन नीलामी कल ही रोक दी थी। अब आज प्रदेश भर में रोक लगा दी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा- जमीन नीलामी रोकने के निर्देश दिए हैंं। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के कर्ज माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि कॉमर्शियल बैंकों से वन टाइम सेटलमेंट कर किसानों के कर्ज माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने को तैयार हैं। हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल महोदय की अनुमति ना मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस कानून के ना बनने के कारण ऐसी नौबत आई। मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी।

किसानों की जमीन नीलाम नहीं होगी
बाड़मेर के विकास कामों के वर्चुअल शिलान्यास लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की जमीन नीलाम होने लग गई। मैंने गुरुवार सुबह ही निर्देश दिए हैं कि किसानों की जमीन नीलाम नहीं होगी। हमारी सरकार ने तीन काले कानूनों के समय अपने बिल बनाकर राज्यपाल के पास भेजे थे। इसमें एक बिल किसानों की 5 एकड़ जमीन नीलाम नहीं कर सकने का भी था। उस बिल को राज्यपाल ने केंद्र को भेजा होगा। उसे मंजूरी नहीं मिली है। केंद्र सरकार उस बिल को मंजूरी दे देगी तो यह कानून बन जाएगा। फिर किसान की 5 एकड़ तक की जमीन नीलाम करने की किसी एसडीओ या अफसर की हिम्मत नहीं होगी।

सवा साल से बिल को केंद्र की मंजूरी का इंतजार
गहलोत सरकार ने 31 अक्टूबर 2020 को किसान की 5 एकड़ तक की जमीन को नीलामी या कुर्क से मुक्त करने का बिल विधानसभा में पारित करवाया था। सिविल प्रक्रिया संहिता राजस्थान संशोधन विधेयक 2020 में किसान की 5 एकड़ तक की जमीन को किसी भी बैंक, संस्था से कुर्क या नीलाम करने पर पाबंदी का प्रावधान किया था। इस बिल के साथ ही केंद्रीय कृषि कानूनों को बाईपास करने के लिए भी गहलोत सरकार ने तीन बिल पास किए। राज्यपाल की मंजूरी के लिए चारों बिलों को साथ ही भेजा गया था। कृषि कानूनों पर केंद्र राज्य के बीच विवाद के कारण राज्य के तीन कृषि बिलों के साथ चौथा बिल भी अटक गया। पिछले सवा साल से यह बिल मंजूरी का इंतजार कर रहा है।

रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी 

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