जयपुर (हमारा वतन) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में दिवाली का नाम सबसे ऊपर आता है। पूरे साल लोग इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं। दिवाली सिर्फ रोशनी और पटाखों का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
इस दौरान लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, रंगोली सजाते हैं, दीये जलाते हैं और नए सामान की खरीदारी करते हैं। दिवाली केवल एक दिन का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह पांच दिनों तक चलने वाला महापर्व है। हर दिन का अपना धार्मिक महत्व और अलग पूजन-विधान होता है। पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर।
इन पांच दिनों में मुख्य आकर्षण माता महालक्ष्मी की पूजा होती है, जो कार्तिक अमावस्या की रात में की जाती है। इस दिन लोग घर-आंगन में दीप जलाकर अंधकार को दूर करते हैं और धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।
आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय भविष्यवक्ता पंडित रविन्द्राचार्य से कि इस साल धनतेरस, छोटी दिवाली, महालक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज की तारीखें और शुभ मुहूर्त।
दिवाली का पूरा कैलेंडर-
धनतेरस: दिवाली की शुरुआत का दिन। माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा होती है। लोग नए बर्तन, सोना और गहने खरीदते हैं। इस साल धनतेरस शनिवार 18 अक्टूबर को है।
त्रयोदशी तिथि आरंभ: 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे
धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 से 8:20 बजे तक (अवधि 1 घंटा 4 मिनट)
प्रदोष काल: 5:48 pm – 8:20 PM
वृषभ काल: 7:16 PM – 9:11 PM
नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर पर विजय का प्रतीक। स्नान और पूजा कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। 2025 में छोटी दिवाली सोमवार 19 अक्टूबर को पड़ेगी।
अभ्यंग स्नान मुहूर्त – 05:13 AM से 06:25 AM
अवधि – 01 घण्टा 12 मिनट्स
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय – 05:13 AM
दिवाली: मुख्य दिवाली। भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या लौटने का उत्सव। घरों को दीयों और रंगोली से सजाया जाता है। शाम को लक्ष्मी और गणेश पूजा होती है। 2025 में महालक्ष्मी पूजन सोमवार 20 अक्टूबर को होगा।
अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 7:08 से 8:18 बजे तक (अवधि 1 घंटा 11 मिनट)
प्रदोष काल: 5:46 PM – 8:18 PM
वृषभ काल: 7:08 PM – 9:03 PM
गोवर्धन पूजा: दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। 2025 में गोवर्धन पूजा बुधवार 22 अक्टूबर को होगी। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों की रक्षा की थी। इस दिन अन्नकूट बनाकर गोवर्धन की पूजा की जाती है।
प्रतिपदा तिथि आरंभ: 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 22 अक्टूबर शाम 8:16 बजे
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त: 6:26 AM – 8:42 AM (2 घंटे 16 मिनट)
सायाह्नकाल मुहूर्त: 3:29 पी एम – 5:44 PM (2 घंटे 16 मिनट)
भाई दूज: दिवाली का आखिरी दिन। भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का दिन। बहनें भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं, भाई उन्हें उपहार देते हैं। 2025 में भाई दूज गुरुवार 23 अक्टूबर को है।
द्वितीया तिथि आरंभ: 22 अक्टूबर रात 8:16 बजे
द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर रात 10:46 बजे
भाई दूज तिलक (अपराह्न) समय: 1:13 PM– 3:28 PM (2 घंटे 15 मिनट)
रिपोर्ट – राम गोपाल सैनी
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